बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) द्वारा हाल ही में कराई गई शिक्षक बहाली परीक्षा के रिजल्ट पर हुए विवाद के बाद अब कानूनी पेच फंस सकता है। इस भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी के आरोप लगाने वाले शिक्षक अभ्यर्थियों ने अदालत का दरवाजा खटखटाने की तैयारी कर ली है। परीक्षा में असफल हुए अभ्यर्थी निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर पटना हाईकोर्ट में बीपीएससी और नीतीश सरकार के खिलाफ रिट दाखिल कर सकते हैं। इसके लिए अधिवक्ता से बात चल रही है।
बड़ी संख्या में शिक्षक अभ्यर्थी पटना में बीपीएससी दफ्तर के बाहर रोजाना प्रदर्शन कर रहे हैं। गुरुवार को ज्यादा हंगामा होने पर पुलिस ने अभ्यर्थियों पर हल्का बल भी प्रयोग किया, जिसे विपक्षी दल बीजेपी ने मुद्दा बना दिया और नीतीश सरकार को घेरा। अभ्यर्थियों का कहना है कि बीपीएससी परीक्षा के रिजल्ट में कई तरह की गड़बड़ी की गई है। योग्य उम्मीदवारों को पास नहीं किया गया, जबकि अयोग्य अभ्यर्थियों को नौकरी दे दी गई।
पटना हाईकोर्ट के वकील शिवनंदन सिंह ने हिन्दुस्तान टाइम्स से बातचीत में बताया कि कई बीपीएससी शिक्षक अभ्यर्थियों ने उनसे मुलाकात की है। वे पटना हाईकोर्ट में रिट दायर करने की योजना बना रहे हैं। पहली नजर में परीक्षा में अनियमितता का मामला लग रहा है। नियमों की अनदेखी करते हुए उच्च मेरिट वाले अभ्यर्थियों का चयन नहीं किया गया है। साथ ही, एसटीईटी में डोमिसाइल नीति लागू होने के बावजूद माध्यमिक स्तर पर दूसरे राज्यों के अभ्यर्थियों का चयन करने की बात सामने आई है।
हाईकोर्ट में शिक्षक भर्ती परीक्षा के खिलाफ याचिका दायर होती है तो इसमें कानूनी पेच फंस सकता है। हाईकोर्ट अगर अभ्यर्थियों के समर्थन में आदेश जारी करता है, तो यह भर्ती प्रक्रिया अटक सकती है। दूसरी ओर, नीतीश सरकार ने इस परीक्षा में चयनित हुए करीब सवा लाख अभ्यर्थियों को अगले हफ्ते नियुक्ति पत्र देने की तैयारी कर ली है। दो नवंबर को पटना के गांधी मैदान में इसके लिए बड़ा समारोह आयोजित होगा, जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र बांटेंगे। इसी दिन सभी अभ्यर्थियों को जॉइनिंग लेटर मिल जाएंगे।
News by; SM Hindi News Bihar
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